"दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते;
दर्द अगर आँचल होता तो अपने सर पर सजा लेते;
दर्द अगर समुंदर होता तो दिल को हम साहिल बना लेते;
और दर्द अगर तेरी मोहब्बत होती तो उसको चाहत-ऐ ला हासिल बना लेते।
Wednesday, February 8, 2017
Dard e dil
"दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में;
और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता।
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में;
और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता।
Kuch pyaari baatein
मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना;
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना;
तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई;
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना;
शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो;
अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना;
तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते;
पुरानी दोस्ती है, की कुछ पहचान ले जाना;
इरादा कर लिया है तुमने गर सचमुच बिछड़ने का;
तो फिर अपने यह सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना;
अगर थोड़ी बहुत है, शायरी से उनको दिलचस्पी;
तो उनके सामने मेरा यह दीवान ले जाना।
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना;
तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई;
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना;
शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो;
अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना;
तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते;
पुरानी दोस्ती है, की कुछ पहचान ले जाना;
इरादा कर लिया है तुमने गर सचमुच बिछड़ने का;
तो फिर अपने यह सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना;
अगर थोड़ी बहुत है, शायरी से उनको दिलचस्पी;
तो उनके सामने मेरा यह दीवान ले जाना।
Tuesday, February 7, 2017
Masoom chehra
ठहर जाती है हर नजर तेरे रुखसार पर आकर..
तेरे मासूम चेहरे की बनावट में कशिश कुछ है..
क्यों किसी के लिए जान लूटा देते है लोग .
मुझे मालूम हुआ तुझे पाने के बाद
Booking.com
तेरे मासूम चेहरे की बनावट में कशिश कुछ है..
क्यों किसी के लिए जान लूटा देते है लोग .
मुझे मालूम हुआ तुझे पाने के बाद
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Success
अभी काँच हूँ इसलिए सबको चुभता हूँ, ♦जिस_दिन☝🕵 आइना बन _जाऊँगा , उस दिन पूरी दुनियाँ देखेगी ...!!
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"बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है; यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है; तड़प उठता हूँ दर्द के मारे, ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती...
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"जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था; हमसा कोई किस जुर्म में आया भी न था! न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी; हमने तो किसी का दिल दुख...